Chapter 10 pareeksha Solutions
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November 5, 2024Chapter 11 चेतक की वीरता Text Book Solutions
Q1. चतेक शत्रुओं की सेना पर किस प्रकार टूट पड़ता था?
चेतक बादल की तरह शत्रु की सेना पर वज्रपात बनकर टूट पड़ता था।
चेतक शत्रु की सेना को चारों ओर से घेरकर उस पर टूट पड़ता था।
चेतक हाथियों के दल के समान बादल के रूप में शत्रु की सेना पर टूट पड़ता था।
चेतक नदी के उफान के समान शत्रु की सेना पर टूट पड़ता था।
Ans. चेतक बादल की तरह शत्रु की सेना पर वज्रपात बनकर टूट पड़ता था।
Q2. ‘लेकर सवार उड़ जाता था।’ इस पंक्ति में ‘सवार’ शब्द किसके लिए आया है?
चेतक
महाराणा प्रताप
कवि
शत्रु
Ans. महाराणा प्रताप
पंक्तियों पर चर्चा (पृष्ठ 124)
Q1. “निर्भीक गया वह ढालों में, सरपट दौड़ा करवालों में।” इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
Ans. चेतक बिना किसी डर के ढालों के बीच गया और तलवारों के बीच तेज गति से दौड़ा।
Q2. “भाला नगर गया, नगरा निषंग, हय-टापों से खन गया अंग।” इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
Ans. भाला फेंका गया, उसकी म्यान गिरी, और घोड़े की टापों से शरीर घायल हो गया।
मिलकर करें मिलान (पृष्ठ 124)
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही भावार्थ से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
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Ans.
वाक्यांश: राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था।
अर्थ या सन्दर्भ: हवा से भी तेज दौड़ने वाला चेतक ऐसे दौड़ लगा रहा था मानो हवा और चेतक में प्रतिस्पर्धा हो रही हो।
वाक्यांश: वह दौड़ रहा अरर-मस्तक पर, या आसमान पर घोड़ा था।
अर्थ या सन्दर्भ: शत्रुओं के सिर के ऊपर से होता हुआ एक छोर से दूसरे छोर पर ऐसे दौड़ता जैसे आसमान में दौड़ रहा हो।
वाक्यांश: जो तनिक हवा से बाग नहीं लेकर सवार उड़ जाता था।
अर्थ या सन्दर्भ: चेतक की गति ऐसी कि लगाम के थोड़ा-सा हिलते ही सरपट हवा में उड़ने लगता था।
वाक्यांश: राणा की पुतली निरी नहीं, तब तक चतेक मुड़ जाता था।
अर्थ या सन्दर्भ: वह राणा की पूरी निगाह मुड़ने से पहले ही उस ओर मुड़ जाता अर्थात वह उनका भाव समझ जाता था।
वाक्यांश: नवकराल वज्र-मय बादल-सा अरर की सेना पर घहर गया।
अर्थ या सन्दर्भ: शत्रु की सेना पर भयानक वज्रमय बादल बनकर टूट पड़ता और शत्रुओं का नाश करता।
शीर्षक (पृष्ठ 125)
Q1: यह कविता ‘हल्दीघाटी’ शीर्षक काव्य कृति का एक अंश है। यहाँ इसका शीर्षक ‘चेतक की वीरता’ दिया गया है। आप इसे क्या शीर्षक देना चाहेंगे और क्यों?
Ans.: यह प्रश्न आपके व्यक्तिगत विचार पर निर्भर करता है। आप इसे ‘महाराणा प्रताप और चेतक’ शीर्षक दे सकते हैं क्योंकि यह कविता महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की वीरता और उनके बीच के संबंध को दर्शाती है।
कविता की रचना (पृष्ठ 125)
Q1: “चेतक बन गया निराला था।” “पड़ गया हवा को पाला था।” “राणा प्रताप का कोड़ा था।” “या आसमान पर घोड़ा था।” रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ये शब्द बोलने-लिखने में थोड़े मिलते-जुलते हैं। इस तरह की तुकांत शैली प्रायः कविता में आती है। कभी-कभी कविता अतुकांत भी होती है। इस कविता में आए तुकांत शब्दों की सूची बनाइए।
Ans.:
निराला – पाला
कोड़ा – घोड़ा
शब्द के भीतर शब्द (पृष्ठ 126)
Q1: “या आसमान का घोड़ा था।” ‘आसमान’ शब्द के भीतर कौन-कौन से शब्द छिपे हैं?
आस
समान
मान
सम
आन
नस
आनद
अब इसी प्रकार कविता में से कोई पाँच शब्द चुनकर उनके भीतर के शब्द खोजिए।
Ans.
- चेतक:
चेत
तक
एक
ता
च
- वीरता:
वीर
ता
री
ई
रा
- राणा:
रा
ना
आन
आ
अ
- प्रताप:
प्रति
ताप
प
ता
प्र
- घोड़ा:
घो
डा
ढ
ग
हो
पाठ से आगे (पृष्ठ 126)
Q1. “जो तनिक हवा से बाग नहीं लेकर सवार उड़ जाता था।” इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
Ans. ‘हवा से लगाम नहीं और घोड़ा भाग चला’ कविता को प्रभावशाली बनाने में इस तरह के प्रयोग काम आते हैं। कविता में आए ऐसे प्रयोग खोजकर परस्पर बातचीत करें।
Q2. कहीं भी, किसी भी तरह का युद्ध नहीं होना चाहिए। इस पर आपस में बात कीजिए।
Ans. यह एक विचार-विमर्श का प्रश्न है जिसमें विद्यार्थियों को आपस में शांति और युद्ध के बारे में चर्चा करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
समानार्थी शब्द (पृष्ठ 126)
कुछ शब्द समान अर्थ वाले होते हैं, जैसे— हय, अश्व और घोड़ा। इन्हें समानार्थी शब्द कहते हैं। मल्हार यहाँ पर दिए गए शब्दों से उस शब्द पर घेरा बनाइए जो समानार्थी न हों—
Ans.
हवा –अनिल, पवन, बयार
रण –तंरग, युद्ध, समर।
आसमान –काश, गगन, नभचर।
नदी –नाद, सरिता, तटिनी।
करवाल- तलवार, असि, ढाल।